chup na raho
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अन्ना टीम का विवादों के साथ लगता है साश्वत सम्बन्ध स्थापित होते जा रहा है.
जब आप मशाल थाम कर निकल पड़ते है अलख जगाने तो आपको अपना दामन साफ़ रखना या दिखाना चाहिए.
अन्ना टीम वर्त्तमान में सब में खामी देख रही है और उसका जोर शोर से प्रचार भी कर रही है.
केजरिवालजी ने पहले तो बिना वोट दिए गोवा की राह पकडली, फिर धरे जाने पर वापस भी लौटे अपना “मत” डालने
बूथ पर पाया की नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है.
पूछने पर बोले की परिवार वाले तो मत देवेंगे
केजरिवालजी ने इतने दिन जांच नहीं की कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.
क्या पता परिवार का भी नाम न हो.
शायद इसी लिए कहावत है :
दिया तले अँधेरा और
बाबा सबको बोले बाबा को कौन बोले
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