chup na raho
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अब तो हद हो गयी
श्रीमान केजरिवालजी ने फ़रमाया है संसद और सांसदों के बारे में.
वे भूल जाते है की इनको वहां की जनता ने चुन कर भेजा है.
हमारे देश में संविधान लागु है.
अनाप शनाप बक कर आप अन्ना साहब को तो कमज़ोर कर ही रहे है बल्कि जनता की सावधान भी कर रहे है की
इनके जैसे लोग के हाथों में अगर भूल से बागडोर आ गयी तो क्या होगा
एक बार अफसरी झाडने के बाद दिमाग का mindset उसी तरह का हो जाता है.
बिना सत्ता मिले ही ये लोग बौरा गए है.
उसी तरह जिस तरह कुछ लोग नरेन्द्र मोदीजी के पीछे पड़े है भले ही वहां की जनता उन्हें बार बार लगातार चुन कर अपना विश्वास जता रही है.
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